ढोल वाला | dhol wala | anokhi kahani | अनौखी कहानी

ढोल वाला | dhol wala | anokhi kahani | अनौखी कहानी:

ये दुनिया रहस्यों से भरी है, जिन रहस्यों की अनौखी कहानियां हैं, लेकिन कुछ कहानी आज की तकनीक को भी चुनोती दे सकती है, ऐसी ही anokhi kahani ( अनौखी कहानी ) है, “ढोल वाला” ( dhol wala ) | एक शहर में एक ढोल वाला रहता था | वह ढोल बजाने में बहुत निपुण था | शहर के अधिकतर कार्यक्रमों में उसे ढोल बजाने का आमंत्रण मिलता था | एक बार एक सॉफ़्टवेयर कंपनी में काम कर रहे इंजीनियर लड़के की शादी होने वाली होती है, जिसके लिए ढोलवाले को ढोल बजाने के लिए बुलाया जाता है | शादी बहुत बड़े रईस परिवारों के बीच होती है इसलिए बहुत बड़े बड़े घर के नामी लोग शादी की दावत में पहुँचते हैं | सभी ढोल नगाड़ों की धुन का लुफ्त उठा रहे होते हैं | ढोल वाला ( dhol wala ) अपनी ज़बर्दस्त संगीत शैली से, शादी का माहौल बना देता है, जिससे इंजीनियर बहुत ख़ुश होता है | शादी का कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हो जाता है | इंजीनियर ढोल वाले को अपनी कंपनी में होने वाले, एक कार्यक्रम के लिए, आमंत्रित करता है और साथ ही उसे कुछ एडवांस रुपया भी देता है | ढोल वाला इतना बड़ा ऑर्डर पाकर ख़ुश हो जाता है | अगले दिन ढोलवाले को नदी के किनारे, गणेश विसर्जन के लिए बुलाया जाता है | नदी के घाट में लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है | गणेशजी की बहुत सी मूर्तियां विसर्जित होने आयी होती हैं | इसी बीच ढोल वाला, ढोल को पीटते हुए, गणेशजी का विसर्जन करवाने लगता है, लेकिन गलती से उसका पैर फिसल जाता है और वह नदी में गिर जाता है | पानी में गिरते ही, उसके गले से उसका, ढोल निकल कर नदी की धारा में बहने लगता है, लेकिन ढोलवाले को भीड़ में खड़े कुछ लोग, पकड़कर खींच लेते हैं, जिससे वह नदी में बहने से बच जाता है | ढोल वाला ( dhol wala ), अपने ढोल को खोकर दुखी होता है, इसलिए वह नदी के किनारे – किनारे, पानी के बहाव की दिशा में आगे तक, पैदल ही ढोल खोजना जाता है | क़िस्मत से उसे अपना ढोल तो नहीं मिलता, लेकिन एक दूसरा अजीब तरह का ढोल नदी के किनारे पड़ा हुआ दिखाई देता है | ढोलवाला दौड़कर ढोल के सामने पहुँचता है और उसे चारों तरफ़ से छूकर देखना लगता है | वह नया ढोल पाकर बहुत प्रसन्न हो जाता है, लेकिन ढोल को देखकर उसे बोहोत ताज्जुब होता है क्योंकि, ढोल में कई तरह की बटन लगी थी और साथ ही, उसके चारों तरफ़ सौर ऊर्जा पैनल लगा हुआ था, जिससे वह चार्ज होता था |

dhol wala
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ढोल को देखकर ढोलवाला उसे साधारण समझ कर उठा लेता है और अपने साथ ले जाने लगता है | ढोल वाला ( dhol wala ) ढोल को अपने घर ले जाकर सभी को दिखाता है | उसके परिवार के सभी सदस्य ढोल देखकर, बहुत ख़ुश होते हैं और तभी अचानक ढोल में ग्रीन लाइट जलती है और जैसे ही ढोल वाला उसे टच करता है तो, वह लाइट रेड हो जाती है | ढोल वाला ( dhol wala ) थोड़ा घबराने लगता है, लेकिन उसे लगता है कि, यह कोई लाइट से बजने वाला ढोल होगा | अब वह धीरे धीरे ढोल बजाकर, अपने धुन का रियाज़ करने लगता है | अचानक ढोल में, कई रंगों की लाइट जलने लगती हैं | ढोल वाला डर की वजह से, ढोल बजाना रोक देता है और दूर खड़ा हो जाता है | उसके परिवार के सभी सदस्य ढोल को देखकर डरने लगते हैं | सभी ढोल को एक कमरे में, बंद करके रख देते हैं | अगले दिन सॉफ़्टवेयर कम्पनी में, ढोल वाले का कार्यक्रम होने वाला था, जिसकी चिंता की वजह से ढोल वाले को रात भर नींद नहीं आती | अगले दिन, कार्यक्रम में जाने के लिए ढोल वाला वही ढोल ले लेता है जो, उसे नदी के किनारे मिला था और सॉफ़्टवेयर कम्पनी पहुँच जाता है | वहाँ उसे वही इंजीनियर मिलता है | वह उसे मंच पर जाकर ढोल बजाने को कहता है | ढोल वाला मंच पर चढ़कर धीरे धीरे ढोल बजाना शुरू करता है | जैसे जैसे ढोल बजता है, वहाँ खड़े लोगों के मोबाइल का नेटवर्क ग़ायब होने लगता है | सभी अपना मोबाइल निकालकर देखने लगे | सभी की नज़र मंच पर खड़े ढोल वाले पर पड़ती है | उसके ढोल में रंग बिरंगी लाइटें जलने लगती हैं | लोगों ने ऐसा ढोल पहली बार देखा था, इसलिए सभी उसे बहुत ताज्जुब से देख रहे थे | ढोल की धुन बढ़ती जाती है | उसी समय इंजीनियर के मोबाइल पर, एक फ़ोन आता है जो, उसके ऑफ़िस से, उसके बॉस का होता है | बॉस उसे बताते हैं कि, कंपनी का सारा सर्वर जाम हो गया है | एक भी कंप्यूटर सही तरीक़े से नहीं चल रहा | इतने में अचानक नेटवर्क कमज़ोर होने की वजह से बॉस का कॉल भी, डिस्कनेक्ट हो जाता है | अपने बॉस का कॉल कटते ही इंजीनियर भागते हुए, अपने चेंबर में जाता है और अपने कंप्यूटर को चेक करता है तो, उसे पता चलता है कि, उसकी कंपनी में लगे हुए सर्वर को, किसी ने अपना सर्वर बना लिया है और उनकी कंपनी के सर्वर में सैटेलाइट की फ़्रीक्वेंसी पाई गई है, जिससे लगता है कि, शायद सर्वर में अब एलियन का क़ब्ज़ा है | इन्जीनियर अपने बॉस को बताता है कि, “हमें अभी सारे सर्वर बंद करने होंगे, क्योंकि सर कंपनी के सर्वर पर हमारा कंट्रोल नहीं है” | बॉस चल रहे ढोल प्रोग्राम को रोकने का आदेश दे देते हैं | जैसे ही ढोल वाला, ढोल बजाना बंद करता है तो, सभी के मोबाइल का नेटवर्क दोबारा आने लगता है और कंपनी के सर्वर में भी, सब कुछ चलने लगता है | इंजीनियर को ढोल वाले के ऊपर श़क होता है कि, उसके हाथ में ढोल था | वह ढोल कम, इलेक्ट्रॉनिक मशीन ज़्यादा लग रहा था | इंजीनियर अपने बॉस से ढोल की चर्चा करता है | तभी उसके बॉस ढोल वाले को, अपने चेंबर बुलाते हैं और जैसे ही उसके ढोल को देखते हैं | वह दंग रह जाते हैं क्योंकि, उन्होंने इंजीनियरिंग का इससे नायाब नमूना आज तक नहीं देखा था | ढोल के अंदर की मशीन, बहुत ही जटिल थी, जिसे समझने में उन्हें, कई घंटे लग जाते हैं |

anokhi kahani | अनौखी कहानी
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ढोल के परीक्षण के बाद उन्हें पता चलता है कि, यह कोई ढोल नहीं बल्कि, एलियन का संपर्क साधने का यंत्र है, जिसे डिजिटल फ्रीक्वेंसी की मदद से चलाया जाता है | ताज्जुब की बात तो यह थी कि, ढोल वाले की धुन में एलियन से संपर्क साधने की तरंगें निकलती थी, लेकिन जब कोई और उस धुन को बजाता था तो, एलियंस के संपर्क में नेटवर्क प्रॉब्लम आने लगती थी | दरअसल ढोल की तरह दिखने वाला यंत्र, ढोल वाले से ब्लूटूथ की तरह कनेक्ट हो चुका था और अब ढोल वाला ही, एलियंस को पृथ्वी में तबाही मचाने से रोक सकता था | उसने अनजाने में अपनी धुन से एलियंस को जंग लड़ने की चेतावनी दे दी थी, लेकिन अब वह नहीं जानता था कि, एलियंस को रोकने के लिए, कौन सी धुन बजानी होगी | सॉफ़्टवेयर कम्पनी को इतना बड़ा रहस्य पता चल चुका था, जिससे पूरी दुनिया को ख़तरा हो सकता था, इसलिए वह वैज्ञानिकों से संपर्क करते हैं और उन्हें मशीन के बारे में पूरी जानकारी देते हैं | वैज्ञानिक अपने शोध से पता लगाते हैं, कि एक हफ़्ते के अंदर ही, एलियन इसी जगह पर हमला करेंगे, जहाँ उनका यंत्र ,है इसलिए उन्हें यह मशीन यहाँ से दूर ले जानी होगी ताकि, एलियन के हमले से ज़्यादा हानि न हो और वह योजनानुसार उस मशीन को लेकर, एक बहुत बड़े पहाड़ के शिखर में आ जाते हैं और वही ढोल वाले को, कई तरह की धुन बजाने को कहते हैं | उन्हें यक़ीन था कि, गलती से ही सही, शायद ढोल वाला, कोई ऐसी धुन बजादे, जिससे एलियंस, पृथ्वी में हमला करने का इरादा बदल दें | हम में ढोल वाला ( dhol wala ) अपने दोनों में ढोल पीटने लगता है | ढोल की ध्वनि के बीच आसमान से, एक ज़ोरदार आवाज़ जाती है, जिसे सुनते ही, सब आसमान की ओर देखने लगते हैं | तभी एक बहुत बड़ा स्पेसक्राफ्ट तेज़ रोशनी के साथ, दिखाई देता है |

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स्पेसक्राफ्ट इन्हीं की तरफ़ तेज़ी से आ रहा होता है | स्पेसक्राफ्ट को देखकर, वैज्ञानिकों के पसीने छूट जाते हैं और उन्हें अपनी मृत्यु क़रीब दिखाई देने लगती है, लेकिन जैसे ही स्पेसक्राफ्ट पहाड़ के ऊपर लैंड करता है, उसके अंदर से एलियंस की फ़ौज निकालती है | सभी के हाथ में एक से एक हथियार होते हैं, जिन्हें देखकर, वैज्ञानिक डर जाते हैं | तभी उसमें से एक एलियन ढोल वाले के पास जाकर, उसकी तरफ़ हाथ बढ़ाता है | ढोल वाला डरते हुए, उसका हाथ पकड़ लेता है | एलियन अपनी जेब से, एक ब्रेसलेट निकालता है और ढोल वाले के हाथ में पहना देता है | ब्रेसलेट में एलियंस से बात करने का सिस्टम लगा था | एलियंस, ढोल वाले की धुन से ख़ुश होकर, उसे अपना फ़ैमिली मेंबर बना लेते हैं और अपना ढोल की तरह दिखने वाला यंत्र, अपने साथ लेकर वापस चले जाते हैं | वैज्ञानिक ढोल वाले के हाथ में, ब्रेसलेट देखकर, दहशत में होते हैं, लेकिन ढोल वाला ब्रेसलेट की सारी कमांड समझ चुका था | वह उन्हें समझाता है कि, आप लोग चिंता मत करो | एलियंस हमें कुछ नहीं करेंगे | इस ब्रेसलेट के ज़रिए, मैं उनकी बातें समझ सकता हूँ | दरअसल एलियन ने मानसिक तरंगों के ज़रिए, ब्रेसलेट को चलाने का तरीक़ा, ढोल वाले को सिखा दिया था | ढोल वाला अब एक महत्तवपूर्ण इंसान था | वैज्ञानिक ढोल वाले को सम्मान के साथ, उसके घर भेजते हैं और उसे एलियन से जुड़ी हुई रिसर्च टीम में, शामिल होने का अवसर देते हैं | ढोल वाले की क़िस्मत, बदल चुकी थी | अब वह स्पेस रिसर्च सेंटर का एक ऐसा वैज्ञानिक बन चुका था, जो एलियन से सीधे उन्हीं की भाषा में बात कर सकता था | इसी के साथ ये anokhi kahani ( अनौखी कहानी ) ख़त्म हो जाती है |

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