पनडुब्बी | pandubi | pandubbi | anokhi kahani:
ये anokhi kahani ( कहानी ) समुद्री दुनिया के एक ऐसे रहस्य की है, जिसका पता लगाने के लिए कई देशों ने प्रयास किया | लेकिन किसी भी देश को सफलता हासिल नहीं हुई | दरअसल समुद्र में एक चुंबकीय स्थान की खोज की गई | पहले भी ऐसे कुछ क्षेत्र खोजे जा चुके थे, लेकिन यह उन सबसे बिलकुल निराला था, क्योंकि यहाँ के पानी में सोने के कण प्राप्त हुए थे | जिसकी वजह से शोधकर्ता यह समझ रहे थे, कि नीचे सोने का बहुत बड़ा भंडार है | लेकिन चुम्बकीय शक्ति की कारण, समुद्री सतह तक जाना लगभग नामुमकिन था | पहले भी कुछ लोगों ने उस जगह पर जाने का प्रयास किया था | लेकिन वह, वहाँ से कभी लौटकर वापस नहीं आ पाए थे | इस बात को कई साल गुज़र चुके थे | शोधकर्ता अनुसंधान केंद्र में इस बात की पुष्टि की जाती है, कि उस चुंबकीय क्षेत्र के ऊपर से एक ख़ास तरीक़े की पनडुब्बी (pandubi, pandubbi) गुज़री है, जोकि अनजाने में हुआ था |
इसके लिए कोई आधिकारिक आदेश नहीं था | अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों के कान खड़े हो जाते हैं | उन्हें यक़ीन नहीं होता आज तक जिस तकनीक को हम नहीं बना पाए, किसी और ने उसे कैसे कर दिखाया | समुद्री रडार पर उस पनडुब्बी की खोज की जाती है और पता चलता है, कि वह पनडुब्बी समुद्र के किनारे स्थित, एक गाँव के ही लड़के ने बनायी है, जोकि तकनीकी शिक्षा में स्नातक है | वैज्ञानिकों को लगता है, कि वह लड़का इस मिशन में हमारी मदद कर सकता है और हम चुंबकीय क्षेत्र से सोने का भंडार निकालने में क़ामयाब हो सकते हैं | आधिकारिक आदेश के अनुसार टीम गठित की जाती है और जैसे ही वह गाँव पहुँचते हैं, वह लड़का अपनी पनडुब्बी की मरम्मत कर रहा होता है और टीम के पहुँचते ही वह अपना काम छोड़कर खड़ा हो जाता है | अनुसंधान केन्द्र के अधिकारी, जाते ही लड़के से गर्मजोशी से हाथ मिलाते हैं | लड़के के चेहरे में एक उत्साह नज़र आता है और वह पूछता है, “सर आप कौन है और इस छोटे से गाँव में इतने सारे कमांडो लेकर क्यों आए हैं” ? वैज्ञानिक उस लड़के को अनुसंधान केंद्र के प्रोजेक्ट के बारे में सूक्ष्म जानकारी देते हैं और उसे अपने अनुसंधान केन्द्र, आने का आमंत्रण भी देते हैं | लड़का तकनीकी चीज़ों से जुड़ी, जानकारी पाने के लिए पहले से ही उतावला था और अब इतने बड़े कार्य को करने के लिए ही उसे अवसर दिया जा रहा था | वह बिना देरी किए हुए हामी भर देता है और अगले ही दिन अनुसंधान केन्द्र पहुँच जाता है | वहाँ पहुँचते ही, उसके चेहरे में ख़ुशी आ जाती है, क्योंकि आज से पहले उसने इतनी ज़्यादा तकनीक से भरा हुआ, क्षेत्र कभी नहीं देखा था |
तभी अधिकारी लड़के को स्क्रीन पर इस “गोल्ड माइन” प्रोजेक्ट की जानकारी देते हैं और लड़के को पूरी बात समझ में आ जाती है | लेकिन उसे यह नहीं पता चलता, कि मेरी पनडुब्बी में ऐसी कौन सी चीज़ लगी हुई है, जिसकी वजह से चुंबकीय क्षेत्र का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा | अधिकारी के कई बार, सवाल पूछने पर भी, वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाता है | सभी अधिकारियों को उस पर संदेह होता है और वह पूछते हैं, “क्या वह पनडुब्बी तुमने ही बनायी है या चोरी की है, जो तुम्हें उसके तकनीक का ज्ञान नहीं” ? तभी लड़का पैन उठाकर, पेपर पर एक पनडुब्बीनुमा चित्र बनाना चालू कर देता है और गणितीय सूत्र के साथ, अपनी पनडुब्बी को बनाने की प्रक्रिया काग़ज़ पर उतार देता है | वैज्ञानिकों को विश्वास हो जाता है, कि लड़के ने जो पनडुब्बी बनायी है, वह चुंबकीय क्षेत्र के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है और वह लड़के के उसी डिज़ाइन पर आधारित, एक नई पनडुब्बी का निर्माण करवाते हैं, जिसमें पाँच लोगों के बैठने की क्षमता होती है | पनडुब्बी का पूर्ण निरीक्षण करने के बाद उसे चुंबकीय क्षेत्र के, समुद्री किनारे लाया जाता है | पनडुब्बी के अंदर, उस लड़के को भी अंदर जाने के लिए शामिल किया जाता है | पनडुब्बी के अंदर अनुसंधान केन्द्र के चार अधिकारी और ये लड़का पूरी तैयारी से बैठ जाते हैं और पनडुब्बी को समुद्र के अंदर धकेल दिया जाता है | चुंबकीय क्षेत्र के पास पहुँचते ही, पनडुब्बी रडार में दिखना बंद हो जाती है | समुद्र के किनारे खड़े बाक़ी, अधिकारी चिंतित हो जाते हैं | वह अपने कंप्यूटर पर लगातार, पनडुब्बी को खोजने का प्रयास करते हैं | लेकिन पनडुब्बी के, कंप्यूटर सिस्टम से कोई संकेत प्राप्त नहीं हो रहा था | कुछ घंटे गुज़रने के बाद अनुसंधान केंद्र के अधिकारी, उस क्षेत्र से वापस आ जाते हैं | उन्हें पूरा यक़ीन हो जाता है, कि यह मिशन फ़ेल हो गया और उन्हें यक़ीन हो गया, कि उन्होंने अपने होनहार चार वैज्ञानिक खो दिए और साथ में वह मासूम लड़का भी इस दुनिया में अब नहीं रहा | टीम में काफ़ी निराशा होती है | हताश होकर सारे अधिकारी, अपने अनुसंधान केंद्र में बैठे होते हैं | तभी पनडुब्बी से एक ग्रीन सिग्नल मिलता है और वह जल्दी से अपने कंप्यूटर पर दोबारा पनडुब्बी को ट्रैक करने की कोशिश करने लगते हैं
देखते ही देखते पनडुब्बी समुद्री सतह से ऊपर आ जाती है | सभी अपनी जगह पर उछल पड़ते हैं और ज़ोर ज़ोर से तालियाँ बजा कर चिल्लाने लगते हैं | उन्होंने अपना मिशन पूरा कर लिया था, पहली बार कोई पनडुब्बी चुंबकीय क्षेत्र के, इतने अंदर से बचकर बाहर आयी थी | टीम के कुछ अधिकारी, वापस समुद्र के किनारे उसी क्षेत्र में पहुँच जाते हैं और पनडुब्बी में गये सभी अधिकारियों से, इन सब चीज़ों की वजह पूछते हैं और उन्हें पता चलता है, कि चुंबकीय क्षेत्र में, सिगनल ग़ायब हो गए थे | लेकिन उनका सिस्टम काम कर रहा था | साथ ही, उस टीम ने यह भी बताया, कि इस पनडुब्बी में, कुछ कमी रह गई थी | जिसे मिशन के दौरान ही, उस लड़के ने ठीक किया था | वैज्ञानिकों को उस लड़के की बहादुरी पर बहुत गर्व होता है और वह उसे गोल्ड माइन प्रोजेक्ट की सफलता के लिए उसे धन्यवाद देते हैं और साथ ही मिशन में शामिल हुए सभी वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया जाता है | पनडुब्बी ने, पता लगा लिया था, कि सोने का सबसे बड़ा भंडार, उसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित था, जहाँ से वह केवल एक सोने का टुकड़ा बाहर ले आए थे और जिसके परीक्षण में यह पाया गया, कि वह दुनिया का सबसे शुद्ध सोना है और इसी के साथ यह anokhi kahani ( कहानी ) एक रहस्य की खोज के साथ समाप्त हो जाती है |
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