रहस्यमयी कहानी | कबड्डी कहानी | kabaddi story in hindi:
मानवीय इतिहास में बहुत से रहस्य छुपे हुए हैं | इसी पर आधारित एक प्राचीन kabaddi story kahani ( कबड्डी कहानी ) जिसमें एक साधारण लड़का असाधारण काम कर गया | एक बहुत ही पुराना गाँव था | यहाँ कबड्डी खेलने की प्राचीन प्रथा थी | गाँव का हर नागरिक, कबड्डी खेलने को गर्व समझता था | ज़्यादातर नौजवान ही इस खेल में भाग ले पाते हैं | कबड्डी खेलने के लिए फुर्ती के साथ साथ ताक़त की भी आवश्यकता होती है | इस गाँव में हर घर से कम से कम एक सदस्य ख़बर कबड्डी में ज़रूर हिस्सा लेता है और जिस घर मैं कबड्डी खेलने वाले नहीं होते, उन्हें हीन भावना से देखा जाता है, बल्कि यों कहे की, इस गाँव में कबड्डी को मर्दानगी का सबूत माना जाता था | गाँव में सीनू नाम का एक लड़का रहता था, जो शरीर से बहुत दुर्बल दिखाई देता था | उसकी रुचि संगीत में थी | गाँव के बाक़ी लड़के, सीनू को अक्सर कबड्डी के लिए ललकारा करते थे | लेकिन सीनू किसी का जवाब देने में सक्षम नहीं था | उसकी उम्र भले ही २२ वर्ष थी, लेकिन उसके शरीर में ताक़त १२ साल के बच्चे की भी नहीं थी | सीनू के माँ बाप उसकी शारीरिक दुर्बलता से बहुत चिंतित रहा करते थे | वह कई डॉक्टरों से अपने बेटे का इलाज करवा चुके थे, लेकिन सीनू का शारीरिक विकास रुक चुका था | उसे किसी डॉक्टरों की, कोई भी दवा, असर नहीं कर रही थी | सीनू के पिता, अपाहिज होने की वजह से कबड्डी में हिस्सा नहीं ले पाए थे | सीनू के पापा को उम्मीद थी, कि उनका बेटा, उनके परिवार का नाम रोशन करेगा, लेकिन सीनू कबड्डी खेलने में असमर्थ है | गाँव के लोगों के तानों से सीनू परेशान रहने लगता है | वह अपने पिता से भी कुछ नहीं कह पाता, क्योंकि वह जानता है, कि कमी उसी के अंदर है | एक दिन वह हताश होकर जंगल के रास्ते गाँव से बाहर निकल जाता है और पूरा एक दिन, सफ़र करने के बाद, एक गुफा पहुँच जाता है | गुफा चारों तरफ़ से, पेड़ पौधों से ढकी होती है | गुफा रहस्यमयी लग रही होती है | सीनू गुफा के अंदर डरते हुए प्रवेश करता है | अंदर पहुँचते ही, सीनू को एक इन्सान का कंकाल पड़ा दिखाई देता है |
वह कंकाल को देखते ही घबरा जाता है | सीनू हिम्मत करके आगे बढ़ता है, अचानक उसका पैर फिसल जाता है और वह पानी के कुएँ में जा गिरता है | कुएँ में गिरते ही, सीनू के शरीर में बहुत तेज जलन होने लगती है और धीरे धीरे उसके शारीरिक आंतरिक बदलाव होने लगते हैं | सीनू का शरीर फ़ौलाद की तरह, मज़बूत हो जाता है | सीनू फुर्ती के साथ कुएँ से बाहर निकलता है और गुफा के चारों तरफ़ चक्कर लगाता है | कुएँ के पानी के प्रभाव से, सीनू बदल चुका था | उसके अंदर आत्मविश्वास आ चुका था | वह अपने गाँव पहुँच जाता है और बिना किसी से बात किए, अपने घर पहुँच जाता है | सीनू के माता पिता इतनी देर तक उसके बाहर रहने से चिंतित थे | वह उसके आते ही, उसे डाटने लगते हैं, लेकिन सीनू कोई प्रतिक्रिया नहीं देता | वह अपने कमरे में जाकर आँख बंद करके बैठ जाता है | सीनू के माता पिता, उसकी इस अजीब हरकत से सोच में पड़ जाते हैं, लेकिन वह उसके व्यवहार को नज़रअंदाज़ करके, उसके लिए खाना लाते हैं | सीनू खाना खाने के लिए मना कर देता है | सीनू की माँ उससे पूछती है, “क्या तुमने बाहर कुछ खा लिया है” ? लेकिन सीनू कहता है, “मुझे आप लोग अकेला छोड़ दीजिए | मुझे अभी किसी से बात नहीं करना” | अगली सुबह सीनू की माँ उसे बाज़ार से सब्ज़ी लाने को कहती है | माँ की बात सुनते ही, वह बाज़ार चला जाता है, लेकिन बाज़ार में गाँव के कुछ उपद्रवी लड़के, उसे परेशान करने लगते हैं लेकिन सीनू अब बदल चुका था | सीनू उन लड़कों को चेतावनी देता है, लेकिन जब वह नहीं मानते हैं, तो वह उन्हें ज़ोरदार ताक़त का नमूना दिखाते हुए, घायल कर देता है | सीनू की ताक़त देखकर, सभी लड़के भाग खड़े होते हैं | सीनू को लड़ते देख, बाज़ार में कई लोगों को ताज्जुब होता है | सीनू जब अपने घर पहुँचता है, तो उसके घर में कई लोगों की भीड़ जमा हो जाती है |
दरअसल जिन लोगों को सीनू ने मारा था, वह सीनू की शिकायत लेकर उसके घर पहुँचे होते हैं, लेकिन सीनू के पिता को यक़ीन नहीं होता, कि सीनू ने चारों को अकेले मारा है | सीनू के आते ही, उसके पिता उससे पूछते हैं कि “क्या तुमने इन चारों को मारा” ? सीनू हाँ करते हुए सिर हिलाता है | सीनू के पिता, अंदर ही अंदर ख़ुश हो जाते हैं, क्योंकि वह अपने बच्चे के अंदर कबड्डी का खिलाड़ी देख रहे थे | अगर सीनू इन चारों को अकेले मार सकता है, तो वह कबड्डी खेलने में भी सक्षम हैं | सीनू के पिता उन चारों लड़कों से हाथ जोड़कर माफ़ी माँगते हैं और सीनू को डांटकर घर के अंदर ले जाते हैं | कमरे के अंदर पहुँचते ही, वह अपने बेटे को गले लगा लेते हैं और कहते हैं, “बेटा तेरे अंदर इतना साहस कहाँ से आया, क्या तू कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा” ? सीनू अपने पिता की ख़ुशी देखकर मना नहीं कर पाता और कबड्डी खेलने के लिए तैयार हो जाता है | गाँव के सभी लोगों में कबड्डी को लेकर उत्साह बना हुआ था | सभी कबड्डी खिलाड़ी प्रतियोगिता में अपना अपना नाम लिखवाने के लिए, ग्रामीण अध्यक्ष के पास पहुँच जाते हैं | सीनू भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए, अपना नाम लिखवाने पहुँचता है, लेकिन सीनू के दुर्बलता के कारण उसे कबड्डी में हिस्सा लेने से मना कर दिया जाता है | जब सीनू के पिता को यह बात पता चलती है, तो वह गाँव के सरपंच से आग्रह करते हैं और कहते हैं, “मैंने आज तक आपसे कुछ नहीं कहा, लेकिन मेरे बच्चे को खेलने का एक मौक़ा दीजिए | अगर इस वर्ष उसका प्रदर्शन आपके अनुसार नहीं रहा, तो जीवन में दोबारा कभी मौक़ा मत दीजिएगा” | पिछले कई वर्षों से, यह गाँव कबड्डी प्रतियोगिता में हारता ही आ रहा था, इसलिए सरपंच सोचते हैं, इस वर्ष भी यदि हार गए, तो क्या फ़र्क पड़ेगा और वह सीनू को कबड्डी में हिस्सा लेने की मंज़ूरी दे देते हैं | खेल प्रारंभ हो जाता है | सीनू कबड्डी खेलने के लिए बेताब रहता है, लेकिन सीनू की टीम का कप्तान, उसे खेलने का मौक़ा नहीं देता | कुछ घंटे के खेल के बाद, ही सीनू के टीम की हालत बुरी हो चुकी होती है | लगभग वह हारने ही वाले होते हैं, तभी सीनू ज़बरदस्ती अपनी टीम की तरफ़ से खेलने आ जाता है और पहली ही बार में प्रतिद्वंदी टीम के, पाँच खिलाड़ियों को बाहर कर देता है | सीनू का पहला ही आक्रमण देख, गाँव की जनता तालियाँ बजाने लगती है |
अगली पारी में, विरोधी टीम का खिलाड़ी, सीनू की तरफ़ कबड्डी कबड्डी बोलते हुए आता है, लेकिन सीनू उसे बाएं हाथ से पकड़कर, हवा में उछाल कर, दूसरी तरफ़ फेंक देता है | सीनू की ताक़त के सामने, विरोधी टीम के सारे खिलाड़ी, हार मान लेते हैं | सीनू की टीम, कबड्डी प्रतियोगिता में विजेता बन जाती है | सीनू के पिता, उसके खेल के प्रदर्शन को देखकर गर्व महसूस कर रहे होते हैं | सारे गांव में जीत का जश्न मनाया जाता है | रहस्यमयी गुफा की शक्तियों की वजह से, सीनू ने अपने गाँव का सम्मान वापस दिला दिया था, लेकिन वह अभी भी अपने बदलाव से अनजान था | इसी के साथ यह rahasyamayi kahani (रहस्यमयी कहानी) ख़त्म हो जाती है |
Visit for प्रेरणादायक हिंदी
सोने का घोंसला | sone ka ghosla | mystery story